16 महाजनपद का इतिहास | 16 mahajanapadas details in hindi | 16 mahajanpad ki rajdhani

                                                           

                    16 महाजनपद का इतिहास

             Mahajanpad se aap kya 

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16 Mahajanapadas name with capital

1) अंग महाजनपदअंग महाजनपद की राजधानी क्या थी

  • अंग महाजनपद मगध के पूर्व में स्थित था। यह वर्तमान में बिहार के मु्ंगेर और भागलपुर जिले के आसपास का क्षेत्र था।  
  • अंग की राजधानी चंपा थी। चंपा उस समय भारतवर्ष के सबसे प्रसिद्ध नगरों में से थी।
  •  मगध और अंग के बीच हमेशा संघर्ष होता रहता था। और अंत में मगध के बिंबसार ने इस राज्‍य को पराजित कर अपने में मिला लिया था, इसका प्रथम उल्‍लेख अर्थववेद में मिलता है।
  • बिंबसार ने अंग के शासक ब्रह्मदत्त को हराकर इस राज्‍य को मगध साम्राज्‍य में मिला लिया था। तत्‍पश्‍चात् अजातशत्रु को अंग का उपराजा नियुक्‍त किया गया था।
  • महाभारत के प्रसिद्ध राजा कर्ण इस अंग देश के ही राजा थे।

2) मगध महाजनपद

  • मगध दक्षिण बिहार के पटना व गया जिले पर स्थित था।
  • मगध की स्‍थापना बृहद्रथ ने की थी और बृह्द्रथ के बाद उसका पुत्र जरासंध यहॅा का शासक बना था।
  • इसकी प्रारंभिक राजधानी राजगीर थी, जो चारों ओर से पर्वतों से घिरी होने के कारण गिरिब्रज के नाम से जानी जाती थी।
  • मगध का प्रथम उल्‍लेख अर्थववेद मे मिलता है। मगध के बारे मे अधिक जानकारी हमें महाभारत और पुराणों से मिलती है। शतपथ ब्राह्मण में इस क्षेत्र को कीकट कहा गया था।
  • मगध सभी महाजनपदों में से सबसे शक्तिशाली महाजनपद के रूप में जाना जाता है।
  • इस पर बृहद्रथ, हर्यक, नंद, मौर्य वंश आदि ने शासन किया था। भविष्‍य में जाकर चंद्रगुप्‍त मौर्य ने धनानंद को हराया और वह मगध व संपूर्ण भारतवर्ष का प्रतापी शासक बना।

3) काशी महाजनपद

  • काशी महाजनपद की राजधानी वाराणसी थी, जो वरूणा और असी नदियों के संगम पर बसी थी। वर्तमान की वाराणसी और इसके आस पास का क्षेत्र इसमें सम्मिलित था।
  • 23वें जैन तीर्थंकर पार्श्‍वनाथजी के पिता अश्‍वसेन काशी के राजा थे।
  • काशी का कोशल राज्‍य के साथ संघर्ष रहता था।
  • गुत्तिल जातक के अनुसार काशी नगरी 12 योजन विस्‍तृत थी और भारत वर्ष की सर्वप्रथम नगरी थी। प्रारम्‍भ में यही सबसे शक्तिशाली महाजनपद था।
  • अंतत: काशी को कोसल राज्‍य में मिला लिया गया।  

4) वत्‍स महाजनपद

  • वत्‍स महाजनपद की राजधानी कौशाम्‍बी थी, जो बौद्ध और जैन धर्मों का प्रमुख केंद्र थी।
  • यह उत्‍तर प्रदेश के प्रयाग (आधुनिक इलाहाबाद) के आस पास का क्षेत्र है।
  • बौद्ध काल में यहॉ पौरव वंश का शासन था जिसका प्रतापी राजा उदयन हुआ। उसने अवन्‍ती के शासक चंड प्रद्योत को बंदी बना लिया था।
  • वत्‍स अपने उत्‍कृष्‍ट सूती वस्‍त्रों के लिये प्रसिद्ध था।  

5) वज्जि या वृजि महाजनपद      

  • वज्जि यह 8 गणतांत्रिक राज्‍यों का एक संघ था, जो अट्टकुलिक कहलाते थे। यह उत्‍तर बिहार मे गंगा नदी के उत्‍तर में स्थित था।
  • इसकी राजधानी वैशाली थी।
  • वज्जि के इन आठ कुलों (राज्‍यों) में वज्जि, लिच्‍छवि, विदेह और ग्‍यात्रिक सर्वाधिक महत्‍तवपूर्ण थे।
  • इस संघ का सर्वाधिक शक्तिशाली गणराज्‍य वैशाली के लिच्‍छवियों का था, जो क्षत्रिय थे।
  • गंगा नदी वज्जि और मगध के बीच की सीमा का निर्धारण करती थी
  • इस संघ में 8 न्‍यायलय थे।
  • जैन परंपरा अनुसार वैशाली महावीर स्‍वामी का जन्‍म स्‍थान था।
  • लिच्‍छवि गणराज्‍य को विश्‍व का पहला गणतंत्र माना जाता है।
  • मगध के शासक अजातश‍त्रु ने अपने मंत्री वस्‍सकार की सहायता से वज्जि कुल पर विजय प्राप्‍त कर ली थी
  • वज्जि गण संघ के शासक चेटक महावीर स्‍वामी की माता त्रिशला के भाई थे, और मगध के राजा बिम्‍बसार की पत्‍नी चेलान्‍ना के पिता थे।

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16 MAHAJANPAD 


6) कोशल / कोसल महाजनपद

  • कोशल एक शक्तिशाली राज्‍य था, जिसमें वर्तमान उत्‍तर प्रदेश के अयोध्‍या, गोंडा, गोरखपुर और बहराइच  जिलों के क्षेत्र शामिल थे।
  • कोशल राज्‍य पूर्व में गंडक नदी, पश्चिम में गोमती, दक्षिण में साईं (सर्पिका नदी) और उत्‍तर में हिमालय की तराई के बीच स्थित एक सुरक्षित राज्‍य था।
  • कोशल को सरयू नदी दो भागों (उत्‍तर और दक्षिण) मे बांटती थी।
  • उत्‍तरी कोशल की प्रथम राजधानी अयोध्‍या थी, एवं द्वितीय राजधानी श्रावस्‍ती थी।
  • दक्षिण कोशल की राजधानी कुशावती व सिरपुर थी।
  • कोशल के एक राजा कंश को पालिग्रंथों में ‘बारानसिग्‍गहो’ कहा गया है। उसी ने काशी को जीत कर कोशल में मिला लिया था।
  • कोशल के सबसे प्रतापी राजा प्रसेनजित हुये जो बुद्ध  के समकालीन थे।

7) अवन्ति महाजनपद अवंती की राजधानी क्या थी

  • अवन्ति की पहचान मध्‍यप्रदेश के आधुनिक मालवा क्षेत्र (वर्तमान उज्‍जैन नगर) से की जाती है, आधुनिक मालवा ही प्राचीन काल की अवन्ति है।
  • विन्‍ध्‍य पर्वत श्रृंखला अवन्ति को 2 भागों में विभाजित करती  है। उत्‍तरी अवन्ति और दक्षिणी अवन्ति।
  • उत्‍तरी अवन्ति की राजधानी उज्‍जयिनी थी, और दक्षिणी अवन्ति की राजधानी माहिष्‍मति (आधुनिक माहेश्‍वर) थी। इन दोनों क्षेत्रों के बीच में नेत्रावती नदी बहती थी।
  • प्राचिन काल में यहां हैहय राजवंश का शासन था। प्रद्योत यहॉं का प्रतापी शासक हुआ जो महावीर स्‍वामी और गौतम बुद्ध के समाकालीन थे।
  • अवन्ति का उल्‍लेख महाभारत में भी हुआ है। अवन्ति नरेश ने युद्ध में कोरवों का साथ दिया था। 
  • पौराणिक हैहयों ने अवन्ति की दक्षिणी राजधनी माहिष्‍मती में राज किया था।
  • बुद्ध जी के जीवन में अवन्ति विशाल राज्‍य बन गया था और वहां प्रद्योत का कुल राज करने लगा था। उस कुल का सबसे शक्तिशाली राजा चंड प्रद्योत था। जिसने वत्‍स को जीत लिया था। पर बाद में अवन्ति को मगध मे मिलना पडा।

8) मल्‍ल महाजनपद

  • यह 9 कुलों का एक गण संघ था जो पूर्वी उत्‍तर प्रदेश के देवरिया और गोरखपुर के आसपास विस्‍तृत था
  • मल्‍लों की 2 शाखयें थी, एक की राजाधानी कुशीनारा थी जो वर्तमान कुशीनगर है तथा दूसरे की राजधानी पावा या पव थी जो वर्तमान में फाजिलनगर है।
  • प्रारंभ में मल्‍ल राज्‍य एक राजतंत्र था जो बाद में गणतंत्र में परिवर्तित हो गया।
  • मल्‍ल का उल्‍लेख अंगुत्‍तर निकाय में आया है। मल्‍ल नाम मल्‍ल राजवंश के नाम पर है जो इस महाजनपद के उस समय शासक थे
  • गौतम बुद्ध ने अपने निर्वाण के लिये मल्‍ल महाजपद को ही चुना था।

9) पांचाल महाजनपद

  • पांचाल महाजनपद उन 16 महाजनपदों या राज्‍यों में से एक था जो वैदिक युग के दौरान उभरे थे
  • पांचाल के अंतर्गत मध्‍य गंगा-यमुना दोआब का पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश आता था।
  • पांचाल को गंगा नदी दो शाखाओं में विभाजित करती थी, उत्‍तरी पांचाल और दक्षिणि पांचाल।
  • उत्‍तरी पांचाल की राजधानी अहिच्‍छत्र थी जिसकों आधुनिक बरेली के रामनगर से चिन्हित किया जाता है, और दक्षिणी पांचाल की राजधानी काम्‍पिल्‍य थी जिसकी पहचान फरूखाबाद जिले के काम्पिल्‍य से की गई है।
  • चुलानी  ब्रह्मदत्त  पांचाल देश का एक महान शासक हुआ।

10) चेदी महाजनपद

  • चेदी महाजनपद वर्तमान उत्‍तर प्रदेश के बुंदेलखण्‍ड का क्षेत्र था।
  • चेदी की राजधानी शक्तिम‍ती थी, जो सेट्टीवती नगर के नाम से जानी जाती थी।
  • इस राज्‍य का उल्‍लेख महाभारत में भी आया है।
  • शिशुपाल यहॉ का प्रसिद्ध राजा था जिसका भगवान कृष्‍ण ने वध किया था
  • बौद्ध ग्रंथो में जिन 16 महाजनपदों का उल्‍लेख है उनमें चेदी महाजनपद भी है। कलचुरी वंश ने भी यहॉ राज किया है।
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11) कुरू महाजनपद

  • कुरू महाजनपद में आधुनिक हरियाणा तथा दिल्‍ली के यमुना नदी के पश्चिम वाला भाग शामिल था।
  • इसकी राजधानी आधुनिक इन्‍द्रप्रस्‍थ (दिल्‍ली) थी।
  • जैनों के उत्‍तराध्‍ययनसूत्र ग्रंथ में यहॉ के इक्ष्‍वाकु नामक राजा का उल्‍लेख मिलता है।
  • कुरूधम्‍मजातक के अनुसार, यहॉ के लोग अपने सीधे सच्‍चे मनुष्‍योचित बर्ताव के लिये अग्रणी माने जाते थे और दूसरे राष्ट्रों के लोग उनसे धर्म सीखने आते थे।  
  • बुद्ध के काल तक कुरू एक छोटा सा राज्‍य था जो आगे चलकर एक गण संघ बना।

12) मत्‍स्‍य या मच्‍छ महाजनपद

  • मत्‍स्‍य महाजनपद में वर्तमान राजस्‍थान के अलवर, भरतपुर तथा जयपुर के क्षेत्र शामिल थे।
  • मत्‍स्‍य महाजनपद की राजधानी विराटनगर थी, जिसकी पहचान आधुनिक वैराट के रूप में की गई है।
  • इसका नाम इस राज्‍य के संस्‍थापक विराट के नाम पर पडा था।
  • ऐसा माना जाता है कि अज्ञातवास के दौरान इसी राज्‍य ने पांडवों को शरण दी थी।
  • मत्‍स्‍य निवासियों का सर्वप्रथम उल्‍लेख ऋग्‍वेद में मिलता है। 

13) शूरसेन/सुरसेन/शूरसैनी महाजनपद

  • शूरसेन या सुरसेन महाजनपद पश्चिम उत्‍तर प्रदेश में स्थित था, जिसकी राजधानी मथुरा थी।
  • यह कुरू महाजनपद के दक्षिण में स्थित था।
  • बौद्ध ग्रंथों के अनुसार अवंतिपुत्र यहॉ का राजा था। जो   बुद्ध जी का शिष्‍य था।
  • महाभारत और पुराणों में इस स्‍थान कों यादव वंश से जोडा गया है जिनमें वृष्‍णी भी एक कुल था जिसमें भगवान कृष्‍ण का जन्‍म हुआ था। पुराणों में मथुरा के राजवंश को यदुवंश कहा गया है।
  • अपने ज्ञान, बुद्धि और वैभव के कारण यह नगर अत्‍यन्‍त प्रसिद्ध था।

14) अश्‍मक या अस्‍सक महाजनपद

  • दक्षिण भारत का यह एकमात्र महाजनपद था।
  • बौद्ध ग्रंथों के अनुसार यह नर्मदा और गोदावरी नदियों के बीच स्थित था। इस प्रदेश की राजधानी पोटन थी।
  • इस राज्‍य पर भगवान श्री रामजी के वंशज यानी इक्ष्‍वाकु वंश के राजा राज करते थे।
  • इक्ष्‍वाकु वंश के अश्‍मक नाम के राजा ने इस महाजनपद की स्‍थापना की थी इसलिये इसे अश्‍मक महाजनपद कहा जाता है।
  • इसका अवन्ति के साथ निरंतर संघर्ष चलता रहता था, और धीरे धीरे यह राज्‍य अवन्ति के अधीन हो गया था।


15) कम्‍बोज महाजनपद

  • यह गांधार-कश्‍मीर के उत्‍तर में आधुनिक पामीर का पठार क्षेत्र में स्थित था। जहॉ राजौरी व हजारा क्षेत्र आते थे।
  • हाटक या राजापुर इस राज्‍य की राजधानी थी।
  • वर्तमान में यह भारत से बाहर पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान का क्षेत्र है।
  • चंद्र वर्धन व सुदाक्ष्‍ना इसके 2 सबसे प्रसिद्ध शासक हुये।

16) गांधार महाजनपद | गांधार की राजधानी क्या थी

  • गांधार महाजनपद में पाकिस्‍तान का पश्चिमी तथा अफगानिस्‍तान का पूर्वी क्षेत्र और कश्‍मीर के कुछ भाग इस राज्‍य में आते थे
  • इसकी राजधानी तक्षशिला थी। यहीं भारत का पहला विश्वविद्यालय स्‍थापित हुआ था।
  • प्राचीन तक्षशिला एक अत्‍यंत प्रमुख नगर था जो अफगानिस्‍तान और मध्‍य एशिया को जाने वाले स्‍थल मार्गो पर पडता था। 
  • बौद्ध और जैन स्‍त्रोतो में इस नगर की काफी चर्चा हुई है।

 

 

 

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