26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में/ republic day hindi essay
रूप रेखा :-
1) प्रस्तावना
2) मुख्य भाग
I) गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है।
II) 26 जनवरी के दिन ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है ।
III) संविधान से संबंधित मुख्य बिंदु।
IV) गणतंत्र दिवस किस प्रकार मनाया जाता है।
I) गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है।
II) 26 जनवरी के दिन ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है ।
III) संविधान से संबंधित मुख्य बिंदु।
IV) गणतंत्र दिवस किस प्रकार मनाया जाता है।
3) उपसंहार
1) प्रस्तावना:-
- 26 जनवरी का दिन पूरे देश में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- यह एक राष्ट्रिय पर्व है।
- 26 जनवरी 1950 में हमारा संविधान लागु हुआ था।
- 26 जनवरी के दिन माननीय राष्ट्रपति राजपथ स्थित सलामी मंच से झंडा फैहराते है एवम् परेड की सलामी लेते है।
- इस दिन स्कूल, कालेजों में विभिन्न प्रतियोगिताएँ होती है जैसे - निबंध लेखन प्रतियोगिता (gantantra diwas par nibandh / Republic day hindi essays) , वाद - विवाद प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता आदि।
2) मुख्य भाग :-
I)गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है:-
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है। क्योंकि आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 के दिन ही हमारा संविधान लागू हुआ था, तब से ही इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। इस दिन देश के प्रथम नागरिक माननीय राष्ट्रपति, राष्ट्र ध्वज फैहराते है, राष्ट्र गान की धुन बजती है और 21 तोपो की सलामी के साथ हमारा राष्ट्रीय ध्वज खुले आसमान में गर्व से सर ऊँचा कर फैहराता है राष्ट्रपति परेड की सलामी लेते है।इसके बाद विभिन्न कार्यक्रमों के साथ गणतंत्र दिवस समारोह संपन्न होता है।
हमारे देश में गणतंत्र दिवस पर हर वर्ष एक मुख्य अतिथि को आमंत्रित किया जाता है। ये मुख्य अतिथि किसी अन्य देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राष्ट्र प्रमुख हो सकते है। जैसे वर्ष 2020 में ब्राजील के राष्ट्रपति श्री जायर बोलोनसरो को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
II) 26 जनवरी के दिन ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है :-
26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस मनाये जाने के पीछे एक कारण है।
सन् 1929 में लाहौर में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ। इसकी अध्यक्षता पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने की थी। इसी लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वतंत्रता का प्रस्ताव स्वीकार किया गया, और 31 दिसम्बर 1929 को रात के 12 बजे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रावि नदी के किनारे तिरंगा झंडा फैराया एवं यह तय किया गया की 26 जनवरी 1930 को "प्रथम स्वाधीनता दिवस" के रूप में मनाया जायेगा । तबसे प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। यही कारण है की 26 जनवरी के दिन को हम स्वाधीनता दिवस भी कहते है और इस दिन का भारतीय इतिहास में विशेष महत्तव है।
स्वतंत्रता के पश्चात् 26 जनवरी 1950 में देश का नवनिर्मित संविधान लागु हुआ, जिसने देेेश के लोगो को स्वतंत्र रूप से जीवन जीने का अधिकार दिया, और परतंत्र की बेड़ियों से आजादी दिलाई। लोगो को मौलिक अधिकार दिए और वही लोगो को देश के प्रति अपने कर्तव्यों को भी बताया।
III) संविधान से संबंधित मुख्य बिंदु:-
संविधान का निर्माण :-
- संविधान के निर्माण के लिए सबसे पहले संविधान सभा का गठन 1946 में किया गया। इस सभा का गठन केबिनेट मिशन के सुझावों के आधार पर किया गया था ।
- ब्रिटिश मंत्रिमंडल के तीन सदस्यों की एक टीम 24 मार्च 1946 में भारत के संवैधानिक समस्याओं के समाधान के लिए भेजी गयी थी, जिसे केबिनेट मिशन के नाम से जाना जाता है।
- संविधान सभा के स्थाई अध्यक्ष के रूप में 11 दिसम्बर 1946 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद को चुना गया , जो की बाद में भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने।
- संविधान सभा की कार्यवाही जवाहर लाल नेहरू द्वारा प्रस्तुत उद्देश्य प्रस्ताव से प्रारंम्भ हुई।
- संविधान सभा ने संविधान निर्माण में आने वाली विभिन्न समस्याओं से निपटने के लिए कई समितियों का गठन किया। जैसे- संघीय संविधान समिति, प्रांतीय संविधान समिति, प्रारूप समिति, संघीय शक्ति समिति, वार्ता समिति, अनुसूचित जाती और जनजाति समिति, अल्पसंख्यक समिति आदि।
- 29 अगस्त 1947 को डॉ. भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए एक प्रारूप समिति का गठन किया गया, जिनमे कुल 7 सदस्य थे।
- 26 नवम्बर 1949 को संविधान निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया। अतः 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा द्वारा संविधान पारित कर दिया गया।
- 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा की अंतिम बैठक हुई, और सदस्यों द्वारा संविधान पर हस्ताक्षर किये गए।
- 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हो गया या प्रभावी हो गया।
- संविधान को पूर्ण रूप से तैयार करने में 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन का समय लगा।
- संविधान निर्माण में कुल 63,96,729 रु. व्यय हुए।
- जब संविधान बना था तब उसमे 395 अनुच्छेद, 22 भाग, 8 अनुसूचियां थी।
- वर्तमान में 470 अनुच्छेद, 25 भाग, 12 अनुसूचियां है।
- भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।
IV) गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है:-
वैसे तो इस दिन पूरे राष्ट्र में उत्तर से दक्षिण तक और पूर्व से पश्चिम तक हर जगह राष्ट्र ध्वज फैहराया जाता है और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है। परंतु देश की राजधानी दिल्ली में मुख्य रूप से इस दिन सारा देश जैसे एक ही जगह इकठ्ठा हो जाता है। भिन्न भिन्न संस्कृतियाँ दिल्ली के राजपथ पर अपने विभिन्न रंग बिखेरने के साथ ही अनेकता में एकता का सन्देश देने को अत्यधिक लालायित रहती है।
दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह:-
- गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली का राजपथ मुख्य समारोह स्थल होता है। जहां पर गणतंत्र दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
- गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री पहले अमर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते है। उसके बाद वे मुख्य समारोह स्थल राजपथ पर पहुंचते है ।
- प्रधानमन्त्री के बाद समारोह स्थल पर उपराष्ट्रपति पहुंचते है जिनका स्वागत प्रधानमंत्री द्वारा किया जाता है।
- उपराष्ट्रपति के बाद राष्ट्रपति, मुख्य अतिथि (चीफ गेस्ट) के साथ राष्ट्रपति भवन से मुख्य समारोह स्थल पर पहुंचते है। जहां प्रधानमंत्री एवं तीनों सेनाध्यक्ष उनका स्वागत करते है।
- उसके बाद देश के प्रथम नागरिक माननीय राष्ट्रपति, राजपथ स्थित सलामी मंच से राष्ट्र ध्वज फैहराते है। राष्ट्र गान की धुन बजती है और 21 तोपो की सलामी दी जाती है।
- इस अवसर पर समारोह स्थल पर उपस्थित सभी अतिथिगण, दर्शकगण खड़े होकर राष्ट्रध्वज को सम्मान देते है।
- आसमान से हेलीकांप्टर फूलो की पंखुड़ियों की बरसात करते है और शुरू होती है परेड।
- गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड में अलग अलग रेजिमेंट के सैनिक दल परेड में हिस्सा लेते है। एवं राष्ट्रपति सलामी मंच से परेड की सलामी लेते है।
- गणतंत्र दिवस के दिन देश की सुरक्षा के लिए उपयोग किये जाने वाले उपकरण जैसे टैंक, मिसाईल आदि न सिर्फ राजपथ की शोभा बढ़ाते है बल्कि देश की शक्ति को भी प्रदर्शित करते है।
- गणतंत्र दिवस पर पूरे देश की भिन्न भिन्न संस्कृति को समेटे अलग अलग राज्यों की झांकियाँ सबका न सिर्फ मन मोहती है बल्कि कुछ ही पलों में दिल्ली के राजपथ पर भारत के दर्शन भी कराती है।
- गणतंत्र दिवस पर सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र होते है। स्कूल के बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम।
- इस तरह गणतंत्र दिवस पर देश की राजधानी दिल्ली के राजपथ पर कुछ ही पलों में देश की भिन्न भिन्न संस्कृति के दर्शन के साथ साथ देश की शक्ति का भी प्रदर्शन होता है। जो देश के गौरव को बढ़ाने के साथ साथ हर भारतीय का सर गर्व से ऊँचा कर देता है।
गणतंत्र दिवस के दिन पूरे देश में हर राज्य मे झंडा फैहराया जाता हैं परेड की सलामी ली जाती है एवं विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ गणतंत्र दिवस समारोह मनाया जाता है।
इस दिन सभी सरकारी इमारतों पर रोशनी की जाती है। सभी स्कूलों, कालेजों, सरकारी दफ्तरों में झंडा वंदन किया जाता है। स्कूलों में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रतियोगिता, जैसे गणतंत्र दिवस पर निबन्ध लेखन प्रतियोगिता भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। मिठाईयां बांटी जाती है।
3) उपसंहार :-
- 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागु हुआ था। तब से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- इस दिन माननीय राष्ट्रपति झंडा फैहराते है एवं परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ देश में गणतंत्र दीवस मनाया जाता है।
- गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रिय अवकाश रहता है।
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