दीपावली पर निबन्ध हिंदी में/ Diwali essay in hindi
रूप रेखा:-
1) प्रस्तावना 2) मुख्य भाग- i)दीपावली कब मनाई जाती है ii)दीपावली क्यों मनाई जाती है iii) दीपावली का त्यौहार कितने दिन का होता है iv) दीपावली कैसे मनाई जाती है 3) उपसंहार।
प्रस्तावना:- दीपावली दीपों का त्यौहार है। इस दिन हर घर में दिए जलाकर, फटाके चलाकर दीपोत्सव मनाया जाता है। यह हमारा सबसे बड़ा त्यौहार है । जिसे पूरे देश में हर्ष - उल्लास के साथ मनाया जाता है। दीपावली का त्यौहार भगवान राम के चौदह वर्ष के वनवास पूर्ण करने एवं रावण का वध कर माता सीता और भ्राता लक्ष्मण सहित अयोध्या वापस लौटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
मुख्य भाग :-
1)दीपावली कब मनाई जाती है:-
दीपावली का त्यौहार दशहरा के 20 दिन बाद आता है। यह कार्तिक मास में अमावस्या के दिन मनाया जाता है।
2)दीपावली क्यों मनाई जाती है :-
अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र भगवान श्री राम को माता कैकेयी द्वारा 14 वर्ष का वनवास दिया गया था। माता पिता की आज्ञा पूर्ण करने के लिए श्री राम, माता सीता और भ्राता लक्ष्मण सहित 14 वर्ष के लिए वन में रहने के लिए चले गए थे। 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर एवं रावण का वध करने के बाद भगवान श्री राम , माता सीता और भ्राता लक्ष्मण सहित कार्तिक मास के अमावस्या को ही अयोध्या वापस लौटे थे। भगवान राम के वापस लौटने की ख़ुशी में पूरी अयोध्या को दीपों से सजाया गया एवं अयोध्यावासियों द्वारा खुशियाँ मनाई गयी। तब से कार्तिक मास को दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।
3) दीपावली का त्यौहार कितने दिन का होता है :- दीपावली का त्यौहार पांच दिन का होता है और ये धनतेरस से शुरू हो जाता है!
- पहला पर्व - धनतेरस।
- दूसरा पर्व - रूपचौदस।
- तीसरा पर्व - दीपावली।
- चौथा पर्व - गोवर्धन पूजा।
- पांचवा पर्व - भाईदूज।
I)धनतेरस :- धनतेरस से दीपावली का त्यौहार प्रारम्भ हो जाता है इस दिन भगवान धनवन्तरि की पूजा, अर्चना की जाती है। भगवान धनवंतरि आयुर्वेद के जनक और देवताओं के वैद्य है। ये आरोग्य का वरदान देने वाले देवता है।
धनतेरस के दिन नए बर्तन खरीदकर बर्तन की पूजा की जाती। इसके आलावा इस दिन सोना-चांदी खरीदने का भी बहुत अधिक महत्तव है।
धनतेरस के दूसरे दिन या कह सकते है की दीपावली से एक दिन पहले रूपचौदस की पूजा की जाती है. इसलिए इसे छोटी दीपावली भी कहा जाता है।
II)रूपचौदस:- रूपचौदस को नरक चौदस, काली चतुर्दशी और छोटी दीपावली भी कहा जाता है. इस दिन प्रातःकाल सूर्योदय से पहले उठकर तेल, उबटन आदि लगाकर स्नान करने का अत्यधिक महत्व है। छोटी दीपावली पर शाम के वक्त दीपदान भी किया जाता है।
रूपचौदस के अगले दिन मनाई जाती है दीपावली
III)दीपावली :-
भगवान श्री राम, माता सीता और भ्राता लक्ष्मण के साथ चौदह वर्ष का वनवास काटकर और रावण पर विजय प्राप्त कर जब अयोध्या वापस लौटे तब अयोध्यावासियों ने अपने भगवान के स्वागत में सारी अयोध्या को खूब सजाया, घरों के आगे सुन्दर रंगोली बनाई गयी, कलश को सजाकर घरों के सामने रखे गए, सारी नगरी को दीपों से प्रकाशमान किया गया। और तब से लेकर आजतक यह त्यौहार पूरे हर्ष उल्लास के साथ हर साल मनाया जा रहा है । इसलिए इस दिन को हम सब दीपावली के रूप में मनाते है।
दीपावली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की जाती।
IV) गोवर्धन पूजा:- दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। इसे अन्नकूट की पूजा भी कहते है, क्योंकि इस दिन तरह तरह के पकवान बनाकर अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।
इस दिन गोबर से प्रतीक के रूप में गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजा की जाती है साथ ही गायों को रंगों से सजाकर उनकी भी पूजा की जाती है।
V)भाई दूज :- गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाईदूज मनाया जाता है। यह भाई बहन का त्यौहार है। इस दिन बहने अपने भाई को नारियल देकर टीका करती है और मिठाई या कुछ मीठी चीज खिलाती है और भगवान् से अपने भाई की लम्बी आयु की कामना करती है तथा भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है।
भाईदूज के दिन ही दवात कलम या यम द्वितीया की पूजा भी होती है।
4) दीपावली कैसे मनाई जाती है:-
दीपावली की तैयारियां दशहरे से ही शुरू हो जाती है। सभी लोग घर कि साफ सफाई करते, है। कई लोग घर की पुताई कराते है। खिड़की, दरवाजो पर नया पेंट कराया जाता है। दीवाली की सफाई करते समय इस बात का खास ख्याल रखा जाता है की घर के हर हिस्से की अच्छे से सफाई हो, कहीं भी गन्दगी न रहे।
दीपावली के त्यौहार में नए कपडे ख़रीदे जाते है। और दीपावली के लिए तरह तरह के पकवान बनाये जाते है। मिठाईयां बनाई जाती है। घरों पर सीरीज लगाकर कर रोशनी की जाती है । घर के द्वार पर वन्दरवार लगाई जाती है। हर घर में रंगोली बनायीं जाती है ।
दीपावली के दिन तो सुबह से ही हर्ष उल्लास का माहौल रहता है। विशेषकर बच्चों के लिए तो ये त्यौहार ढ़ेर सारी खुशियाँ लेकर आता है । क्योंकि उन्हें नए नए कपडे मिलते है और साथ ही खूब सारे फटाके जैसे - फुलझडी, टिकली, अनार, चकरी, रॉकेट, आदि मिलते है। जिन्हें चलाकर वह दीपावली का त्यौहार दुगने उत्साह से मनाते है।
दीपावली के दिन शाम को माँ लक्ष्मीजी की पूजा की जाती है । और घर में आँगन में दिए जलाये जाते है। सब लोग अपने रिश्तेदारों को अपने पहचान वालों को दीपावली की शुभकामनाएं देते है। एक दूसरे को मिठाई खिलाते है और खाते है।
उपसंहार :-
दीपावली हमारा सबसे बड़ा त्यौहार है। यह केवल हमारे ही देश में नहीं बल्कि पूरी दुनियां में जहाँ भी भारतीय रहते है वहां पूरे हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन हर तरफ रौशनी ही रौशनी बिखरी होती है हर घर में दिए जलाये जाते है फटाके चलाएं जाते है और मिठाई खाकर खुशियाँ मनाई जाती है।
जहाँ एक और हम दीपावली की खुशियाँ मानते है वही दूसरी और हमे कुछ सावधानियां भी रखनी चाहिए। जैसे फटाके चलाते समय बच्चों के साथ बड़ों को हमेशा रहना चाहिए। साथ ही हमे इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की हम ऐसे फटाके ही चलाये जिससे प्रदूषण ज्यादा न बढ़े।
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