COVID-19
कोरोना से बचाव एवं सावधानियाँ:-
भारत भी इससे अछूता नहीं रह पाया है और अब कोरोना भारत में भी तेजी से फैलता जा रहा है। यह बात हम सभी जानते है की अभी तक इसकी कोई भी वेक्सीन नहीं बनी है। इन परिस्थितियों को देखते हुए ही माननीय प्रधानमंत्रीजी द्वारा, आयुष मंत्रालय द्वारा एवं डांक्टर्स द्वारा बार-बार यही सलाह दी जा रही है की इस बीमारी से बचना है तो हम सबको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा, जिनमे मुँह पर मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग रखना एवं बार बार हाथों को 20 sec. तक साबुन से धोना है। लेकिन इन बातों के आलावा जो सबसे महत्तवपूर्ण बात है वो है, अपनी इम्युनिटी को बूस्ट करना अर्थात अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को इतना बढ़ाना की हम न सिर्फ कोरोना से बल्कि कई अन्य बिमारियों से भी लड़ सके।
और इसलिए इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक काढ़े, होम्योपैथिक दवाये एवं कई ऐसी चीजे जिनका प्रयोग हम दैनिक जीवन में वर्षो से करते आये है इन सबका प्रयोग करने की सलाह लगातार दी जा रही है।
अब सवाल ये है की अपनी इम्युनिटी को बढ़ाने और करोना जैसी बीमारी से बचाव के लिए हम ऐसी कौनसी चीजों का उपयोग करें जिससे हमारी इम्युनिटी अर्थात रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी बढ़ सके की इस बीमारी से लड़ सके और हम कोरोना जैसी महामारी को हरा सके। इस लेख में हम उन्ही चीजो का उल्लेख करेंगे जो हमारी इम्युनिटी को बढ़ाने में मददगार साबित होती है। साथ ही आयुष मंत्रालय की गाईडलाईन, काढे और सावधानियों से सबंधित कुछ जानकारियां भी प्राप्त करेगें।
इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय/ immunity boost karne ke upay :-
1) गिलोय (Tinospora cordifolia) :-
- गिलोय जिसे अमृता भी कहते है। क्योकि इसमें अमृत के समान गुण होते है। इसमे इतनी शक्ति होती है की अगर 1) हम सूखी हुई गिलोय का एक टुकड़ा लेकर उसके ऊपर की परत को हटाते है या उसे काटते है तो अंदर का भाग हरे रंग का निकलता है। 2) अगर हम गिलोय को तोड़कर उसे हवा में सुखा लेते है तो कुछ समय पश्चात् सूखी डंडियों में से बिना पानी और मिटटी के ही हरे पत्ते निकलने लगते है।
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गिलोय (Giloy) |
- गिलोय में एन्टीऑक्सीडेंट, एंटीइनफ्लामेंट्री तत्व भी पाये जाते है। साथ ही इसमे ग्लूकोसाइड, फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक भी पाये जाते है।
- गिलोय का उपयोग डेंगू में भी किया जाता है। (डेंगू में गिलोय, पपीते के पत्ते एवं तुलसी के पत्ते उबाल कर पीने से बहुत आराम मिलता है)।
- गिलोय का सबसे महत्तवपूर्ण गुण है की ये इम्युनिटी को बढ़ाता है और इसलिए इसकी बेल का एक छोटा सा भाग (डंडी) ही क्रश करके उबाल कर पीना काफी फायदेमंद है।
- गिलोय का रस अब बाजार में भी आसानी से उपलब्ध हो जाता है साथ ही गिलोय घनवटी के नाम से टेबलेट भी आयुर्वेदिक दुकानों पर आसानी से उपलब्ध रहती है।
2) तुलसी (Tulsi):-
- तुलसी में औषधीय गुणों का भण्डार है और इसी गुण के कारण आयुर्वेद में तुलसी का विशेष महत्तव है। ये सर्दी-खांसी-जुकाम और श्वाश सबंधित रोगों में अत्यधिक लाभकारी मानी जाती है ।
- तुलसी के पत्ते सुबह खाली पेट खाना भी अत्यधिक लाभप्रद माना जाता है।
3) काली मिर्च (Black Pepper) :-
- यह हमारे किचन में आसानी से उपलब्ध रहता है इसका प्रयोग मसालों के रूप में किया जाता है।
- काली मिर्च का प्रयोग भी सर्दी जुकाम को रोकने में लाभप्रद है।
- आयुर्वेद के अनुसार काली मिर्च का उपयोग कफ, श्वास, वात आदि में किया जाता है।
4) लोंग (Clove):-
- इसका प्रयोग भी मसाले के रूप में किया जाता है साथ ही सर्दी जुकाम, खांसी में भी इसे चाय में डालकर पिया जाता है।
5) बड़ी इलायची (Cardamom):-
- इलायची में कई औषधीय गुण पाये जाते है इसलिए इसका प्रयोग आयुर्वेदिक औषधि बनाने में भी किया जाता है जो की कई रोगों में लाभप्रद होती है।
- साथ ही बड़ी इलायची का प्रयोग एक महत्वपूर्ण मसाले के रूप में भी होता है क्योकि इसमे एक सुंगधित पदार्थ होता है जो हमारे भोजन का स्वाद कई गुना बढ़ा देता है।
6) हल्दी (Turmeric) :-
- हल्दी के गुणों से तो हम सब भलीभांति परिचित है। यह हमारे किचन में मसालों के बीच पाई जाने वाली बहुत ही महत्तवपूर्ण एन्टीबॉयोटिक है। इसलिए इसका इस्तेमाल हमारे भोजन में अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिये।
- आयुर्वेद में हल्दी का एक विशेष महत्तव है। हल्दी एंटी-इंफ्लेमेटरी है। ये भी कई रोगों में लाभप्रद होती है जैसे- जोड़ो के दर्द, सूजन, ह्रदय रोग , कोलेस्ट्रॉल को कम करने, डायबिटीज आदि में।
- गर्म दूध में हल्दी डालकर पीने से खांसी, सर्दी, जोड़ों के दर्द में विशेष लाभ मिलता है।
7) मुनक्का (Munakka):-
- मुनक्के के प्रयोग से पाचनतन्त्र अच्छा होता है। ये एंटी आक्सिडेंट है। इसमें केल्शियम भी होता है। यह एक सूखा मेवा है इसलिए ये शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है ।
8) अदरक (Ginger):-
- अदरक (सोंठ, अदरक का सूखा रूप) इसका प्रयोग तो हम सर्दियों में सर्दी, जुकाम, गले में खराश आदि से बचाव के लिए हमेशा करते ही है।
- अदरक को क्रश करके गुड़ के साथ हल्की आंच पर गर्म करके थोडा थोडा खाने से खांसी में काफी आराम मिलता। है।
9) गुड़ (Jaggery) :-
- गुड़ का आयुर्वेदिक दवाओं में प्रयोग किया जाता है। गुड़ में ग्लूकोज, विटामिन, खनिज पदार्थ विद्यमान होते है जो हमारे स्वास्थ्य की दृष्टी से काफी लाभप्रद होते है।
- गुड़ गर्म तासीर का होता है इसलिए ये सर्दी, खांसी, कफ में बहुत लाभदायक होता है।
- गुड़ भी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और हमे कई रोगों से बचाता है। खाना खाने के बाद गुड़ का एक छोटा टुकड़ा खाने से खाना पचने में आसानी होती है।
10) लहसुन (Garlic):-
- लहसुन बहुत गुणकारी होती है ये भी इम्युनिटी को बूस्ट करने का काम करती है। इसलिये इसका प्रयोग खाने में विशेष रूप से किया जाता है । इसमे एलिसिन नामक एक प्रतिजैविक (Antibiotic) यौगिक होता है।
- लहसुन में प्रोटीन, विटामिन, एंजाइम भी पाये जाते है।
- लहसुन कोलेस्ट्रॉल कम करने, ह्रदय को स्वथ्य रखने में काफी लाभदायक है।
11) विटामिन-C :-
- विटामिन -C एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में हमारी इम्युनिटी को बूस्ट करने का काम करता है।
- सभी प्रकार के खट्टे फलों जैसे :- संतरा, नीबू, अंगूर, कीवी में विटामिन - C भरपूर मात्रा में पाया जाता है इसके आलावा लाल शिमला मिर्च, पालक, ब्रोकली, सरसों का साग इन सब में भी विटामिन-C की भरपूर मात्रा होती है जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और हमे कई बिमारियों से बचाता है।
- इसके आलावा हम चाय में तुलसी के पत्ते, अदरक, लौंग, काली मिर्च, दालचीनी, बड़ी इलायची इनका भी प्रयोग कर सकते है
इन सभी चीजों को हम अपने दैनिक जीवन में अपनाकर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते है, ताकि हमारा शरीर कोरोना जैसे रोग से लड़ने में सक्षम हो सके। और हम इस बीमारी से बच सके।
आयुष मंत्रालय की Guidline
कोरोना वायरस से बचने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ टिप्स दिए गए है जो निम्नानुसार है :-
- पूरे दिन गर्म पानी पिए।
- रोजाना योगासन, प्राणायाम और मेडिटेशन कम से कम 30 मिनिट करे।
- भोजन बनाने में लहसुन, हल्दी, धनिया और जीरा का उपयोग करे।
- रोज सुबह एक चम्मच (10 ग्राम) च्यवनप्राश का सेवन करे। जिन्हें डायबिटीज है वे शुगर फ्री च्यवनप्राश खाये।
- Golden Milk -150 ml गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर हल्दी वाला दूध दिन में एक या दो बार पिए।
- तुलसी, काली मिर्च, दालचीनी, सौंठ और मुनक्का का काढ़ा बना कर पिए। काढ़े/ harbal tea का सेवन दिन में एक या दो बार करे। जरूरत के अनुसार गुड़ या नीबू का रस भी मिला सकते है।
- Nasal application :- नाक के दोनों छिद्रो में तिल का तेल, नारियल का तेल या घी को सुबह और शाम लगाये।
- Oil pulling therapy :- एक चम्मच तिल का तेल (sesame oil) या नारियल का तेल(coconut oil) मुँह में भरें, दो से तीन मिनट तक मुँह में घुमाएं इसके बाद इसे मुँह से बाहार निकाल दे। और गर्म पानी से कुल्ला करे। ऐसा दिन में एक या दो बार करें।
- ड्राई कफ या गले में खराश होने पर ताजा पुदीना (Mint leaves) or (Caraway seeds) अजवाईन की भाप दिन में एक बार लें।
- थ्रोट इरिटेशन (throat irritation ) या कफ (cough) आने पर लौंग पाउडर को शक्कर या शहद में मिलाकर दिन में दो या तीन बार लें।
- ये सभी उपाय normal dry cough and sore throat के लिए है, फिर भी यदि ऐसे लक्षण दिखाई देते है तो नजदीकी डाँक्टर से संपर्क करें।
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