लता मंगेशकर बायोग्राफी | Lata mangeshkar biography


स्वरसाम्राज्ञी लता मंगेशकर

लता  मंगेशकर 
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लता मंगेशकर का जीवन परिचय : उनका जीवन एवं उनकी उपलब्धियां


माँ सरस्वती ने सोचा की इस धरती पर  मीठी वाणी का ऐसा संचार करे की सारी दुनिया, ये धरती, ये आसमां उस मधुर वाणी की गूंज से सराबोर हो जाये, और यही सोचकर उन्होंने अपनी बेटी को इस धरती पर भेजा जिन्हें नाम दिया "लता मंगेशकर"। 

लता मंगेशकर जिन्होंने माँ सरस्वती की कृपा से अपने स्वरों की गूंज इस दुनिया के कोने कोने तक ऐसे पहुंचाई की कोई भी इससे अछूता नहीं रह सका। तभी तो जब वो वापस माँ सरस्वती के पास जाने लगी तो हर आँख नम हो गयी। क्योकि अब तक उन्होंने दुनिया के हर कोने में रह रहे हर व्यक्ति से एक रिश्ता जोड़ लिया था स्वरों का रिश्ता, हमेशा हमेशा के लिए।

भारत रत्न से सम्मानित स्वर कोकिला लता मंगेशकरजी जिन्हें लोग प्यार से दीदी कहते थे, उन्हें कुछ दिन पहले कोविड संक्रमण और निमोनिया होने के कारण मुम्बई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहाँ 06 फरवरी 2022 को उनका निधन हो गया। 

यहाँ हम उनके जीवन और उनकी उपलब्धियों के बारे कुछ बातें सांझा कर रहे है। 


लता मंगेशकर के जीवन की कुछ मुख्य बातें :-

  • लता मंगेशकरजी का जन्म  28 सितम्बर 1929 को इंदौर, मध्यप्रदेश में हुआ था। 
  • लता मंगेशकरजी का पहले नाम हेमा मंगेशकर रखा गया था। 
  • उनके पिताजी का नाम दीनानाथ मंगेशकर और माताजी का नाम शेवन्ति मंगेशकर था। 
  • उनके पिताजी का संगीत से गहरा नाता था। वे एक रंगमंच के कलाकार और बहुत ही अच्छे गायक थे। लता मंगेशकरजी को संगीत की शिक्षा उनके पिता दिनानाथजी से ही मिली थी। 
  • लता मंगेशकरजी के चार  भाई बहन है। मीना खाड़िकर, आशा भोसले, ऊषा मंगेशकर, और ह्रदयनाथ मंगेशकर। उनके सभी भाई बहन का भी संगीत से गहरा संबन्ध है। 
  • लता मंगेशकरजी ने छः दशको तक 30 से ज्यादा  भाषाओँ में फिल्मी और गैर फिल्मी गाने गाये। 
  • उन्होंने करीब 30 हजार से ज्यादा गाने गाये है। 1980 के बाद उन्होंने फिल्मों में गाने गाना कम कर दिया था। 
  • संगीत उनके लिए पूजा थी। इसलिए वो जब भी गाना गाती थी पैरों में चप्पल नहीं पहनती थी। 
  • इतनी सफलता पाने के बाद भी एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था की किसी भी इंसान को ये नहीं सोचना चाहिए की मैंने सब पा लिया है।
  • वे अपने गाये हुए गाने नहीं सुनती थी। उन्हें डर लगता था की पता नहीं कैसा गाया होगा।  

Lata Mangeshkar 
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लता मंगेशकरजी का बचपन एवं उपलब्धियां:-


लता मंगेशकरजी का जीवन काफी संघर्षो में बीता यह बात सभी जानते है। वे बचपन से ही गायक बनना चाहती थी। 

लता दीदी के बाबा एक संगीतज्ञ थे। जब लताजी छोटी थी तब उनके बाबा दूसरे बच्चों को संगीत की शिक्षा देते थे। एक बार जब उनका एक शिष्य कुछ गलत सुर में गा रहा था तब पिता की अनुपस्तिथि में लताजी ने उस बच्चे को सुर ठीक करने के लिए कहा। यह सब उनके पिता पीछे खड़े होकर देख रहे थे। तब उन्हें लगा की वो दूसरे बच्चों को संगीत की शिक्षा दे रहे है। जबकि उनके घर में भी एक गायिका है। उसके बाद उनकी संगीत की शिक्षा शुरू हुई। लता मंगेशकरजी ने बचपन में अपने पिता के साथ स्टेज पर भी परफाम किया था। 
लता मंगेशकरजी  के पिता की मृत्यु के समय लताजी की  उम्र मात्र 13 वर्ष थी। इतनी छोटी सी उम्र में उनके ऊपर पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गयी थी। पैसों की किल्लत की वजह से छोटी उम्र में  उन्होंने काम करना शुरू कर दिया था।

वैसे तो उनको अभिनय करना पसन्द  नहीं था। परन्तु पैसों के किल्लत की वजह से  शुरू में उन्होंने कुछ हिंदी और मराठी फिल्मों में अभिनय किया। 1942 में अभिनेत्री के रूप में उनकी पहली फ़िल्म 'पाहिली मंगलागौर' थी जिसमें उन्होंने अभिनय किया था। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मो में काम किया। 

लता मंगेशकरजी को शुरू में फ़िल्म इंडस्ट्री में काम मिलने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उनकी पतली आवाज के चलते उन्हें एक पार्श्व गायिका की आवाज नहीं माना जा रहा था। 
सन् 1947 में वसंत जोगलेकर जी की फ़िल्म 'आपकी सेवा' में उन्हें गाने का मौका मिला। इस गाने के लिए उनकी काफी चर्चा हुई। इसके बाद उन्होंने  'मजबूर' फ़िल्म के गाने गाये।

1949 में 'महल' फ़िल्म के गीत " आयेगा आने वाला" से लता दीदी को एक पहचान मिली। यह गीत मशहूर अभिनेत्री मधुबालाजी  पर फिल्माया गया था। यह फ़िल्म सफल हुई। जो की मधुबालाजी और लता मंगेशकरजी दोनों के लिए शुभ साबित हुयी।

फ़िल्म जगत में लता मंगेशकरजी के जीवन में मास्टर गुलाम हैदर जी की अहम् भूमिका थी। क्योंकि उनको यह विशवास था की उनके जैसी आवाज  किसी ओर के पास नहीं है। और एक दिन उनकी आवाज के आगे सभी आवाजे फीकी पड़ जाएँगी। 

उन्होंने संगीतकार के रूप में भी काम किया। उन्होंने एक मराठी फ़िल्म "राम राम पाव्हणं" में नाम बदलकर (आनन्द घन के नाम से ) संगीत दिया था। 

लता मंगेशकरजी को फ़िल्म जगत में उनके कार्य के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

पुरस्कार:- 

  • फ़िल्म फेयर  पुरस्कार से सम्मानित किया गया।(1958, 1962, 1965, 1969, 1993 & 1994)
  • राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित (1972, 1975, 1990)
  • महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार  1966 और 1967 में।
  • पद्म भूषण अवॉर्ड सन् 1969। 
  • दादा साहब फाल्के पुरस्कार से 1989 में सम्मानित किया गया।
  • फ़िल्म फेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड 1993 में। स्क्रीन का लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड 1996।
  • राजीव गांधी पुरस्कार 1997 में।
  • पद्म विभूषण 1999 में। 
  • लता मंगेशकरजी को भारत का  सर्वोच्च नागरिक सम्मान "भारत रत्न" से 2001 में सम्मानित किया गया। 






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Milan Tomic

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