बीरबल की हाजिर जवाबी
अकबर बीरबल की हजारो कहानी किस्से हम अक्सर सुनते है।
बीरबल जों अकबर के नो रत्नों में से एक थे। बीरबल की बुद्धिमानी और हाजिर जवाबी के न सिर्फ अकबर कायल थे वरन् हर व्यक्ति उनकी बुद्धिमत्ता का लौहा मानता था ।
बीरबल की इसी हाजिर जवाबी से सम्बंधित एक किस्से का हम यहाँ उल्लेख करेगें।
एक बार की बात है जब अकबर सुबह-सुबह अपने कुछ मंत्रियों के साथ सैर पर निकले। रास्ते में उन्हें बहुत सारे कौओं की कांव कांव की आवाजे आई। इन आवाजों से अकबर का ध्यान कौओं की और गया।
इतनी अधिक मात्रा में कौओं को देखकर अकबर के मन में विचार आया की आखिकार हमारे शहर में कुल कितने कौए होंगे।
यह विचार आते ही उन्होंने तुरंत अपने एक मंत्री को बुलाकर पूछा - हमारे इस नगर में कुल कितने कौए होंगे। इस सवाल को सुनते ही मंत्री हक्काबक्का हो गया फिर थोडा संभलते हुए बोला, बादशाह सलामत कहा नहीं जा सकता की हमारे नगर में कितने कौए होंगे।
फिर यही सवाल उन्होने अपनें साथ के अन्य मंत्रियों से किया पर कोई भी इसका जवाब नहीं दे सकें। सबके सब हतप्रद होकर बादशाह सलामत को देख रहें थे, और सोच रहे थे ये कैसा अजीब सा सवाल है।
परंतु अकबर बादशाह के ज़हन में तो ये सवाल बार बार उठ रहा था। इसलिए दरबार में पहुंचते ही उन्होंने ये सवाल दरबार में उपस्थित सभी दरबारियों से किया, बताओं हमारे नगर में कुल कितने कौए है।
सभी दरबारी बादशाह सलामत का प्रश्न सुन कर भौचक्के रह गए। किसी को कोई जवाब ही नहीं सूझ रहा था, सभी एक दूसरे का मुंह ताकने लगे।
तभी वहां बैठे मुल्ला-दो-प्याज़ा जिनकी बीरबल से नहीं बनती थी तुरंत बोल पड़े। बादशाह सलामत इस सवाल का जवाब तो केवल बीरबलजी ही दे सकते है।
यह सुनते ही बादशाह सलामत ने बीरबल को तुरंत दरबार में उपस्थित होने का आदेश दिया, की तभी बीरबल दरबार में आ पहुंचे।
बादशाह ने बीरबल को देखते ही तुरंत सवाल किया। बीरबल हमारे शहर में कुल कितने कौए है क्या आप बता सकते है
सवाल सुनते ही बीरबल ने बड़ी ही सहजता से जवाब दिया। बादशाह सलामत हमारे शहर में कुल पचाँस हजार नो सौ पाँच कौए है।
बीरबल का जवाब सुनकर बादशाह सलामत हतप्रद रह गए। उन्होंने बीरबल से कहा, आप इतने विश्वास से कैसे कह सकते है। अगर गिनती की गई और उसमे कौओं की संख्या ज्यादा निकली तों।
बीरबल कहां चुप रहने वाले थे, वे तुरंत बोलें - हुजूर तब कौओं के कुछ रिश्तेदार अन्य शहरों से उनसे मिलने यहां आयें होंगें।
बादशाह सलामत ने कहा और अगर कौओं की गिनती करने पर उनकी संख्या कम निकले तों।
बीरबल फिर बोलें हुजूर इस शहर के कुछ कौए दूसरे शहर में अपने रिश्तेदारों से मिलने गए होंगे।
बीरबल का जवाब सुनते ही अकबर और अन्य दरबारी ठहाके लगा कर हंसने लगें।
यह थी बीरबल की हाजिरजवाबी, जिसके लिए वों मशहूर थे।
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