Dussehra kab hai 2021 me/ Dussehra kyo manaya jata hai.




दशहरा कब है 2021 में / Dussehra kab hai 2021 me:-

शारदीय नवरात्रि के अगले दिन अर्थात अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को दशहरा  हर्ष उल्लास के साथ पूरे देश में मनाया जाने वाला त्यौहार है। यह असत्य पर सत्य की, बुराई पर  अच्छाई की जीत का पर्व है। यह पर्व यह भी दर्शाता है की बुराई कितनी भी  शक्तिशाली क्यों न हो एक न एक दिन उसे पराजित होना ही पड़ता है। फिर चाहे उस आततायी का अंत करने, उसके अहंकार को नष्ट  करने के लिए भगवान को स्वयं जन्म क्यों न लेना पड़े। 

भगवान श्री राम ने दशमी को ही रावण का अंत कर सीता माता को मुक्त कराया था। तब से इस दिन को  विजयदशमी या  दशहरा के रूप में हर वर्ष मनाया जाता।

दशहरा हर वर्ष अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। इस वर्ष दशहरा 15 अक्टूबर 2021 को मनाया जायेगा। 


 
दशहरा  क्यों मनाया जाता है / Dussehra kyu manaya jata hai:-

दशहरा  अधर्म पर धर्म, असत्य पर सत्य की विजय का प्रतिक माना जाता है । कहा जाता है की जब जब अधर्म अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाता है तब उसका अंत करने के लिए भगवान को स्वयं  अवतार लेना पड़ता है। रावण ने भी जब अधर्म की सभी सीमाएं पार कर दी तब भगवान राम ने जन्म लिया, और  दशमी के दिन अधर्मी रावण का अंत किया। 

माँ दुर्गा ने भी नौ रूप लेकर असुरों से युद्ध किया और इसी दिन महिषासुर का अंत किया। अतः दशहरा  विजय का पर्व है, शक्ति का पर्व है।

जब भगवान राम, सीता माता और लक्ष्मणजी सहित 14 वर्ष का वनवास काट रहें थे तब अंतिम वर्ष में  रावण ने सीता माता का छल से अपहरण कर लिया था।  भगवान् राम ने जब सीता माता को कुटिया में नहीं  पाया तब लक्ष्मणजी के साथ  वन वन भटक कर सीता माता को खोजा परन्तु वो नहीं मिली। लेकिन वन में ही जटायू नाम का एक पक्षी मिला, जो भगवान राम की ही प्रतिक्ष कर रहा था, पक्षिराज जटायु ने बताया की सीता  का लंकापति रावण  ने  अपहरण कर लिया है। उन्होंने बताया की पुत्री सीता को मैंने बचाने का बहुत प्रयास किया पर रावण ने मेरे पर काट दिये। उन्होंने ये भी बताया की वो सीताजी को दक्षिण दिशा की और ले गया है, उसके बाद उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। 


Shri ram

भगवान राम जब आगे बड़े तो रस्ते में उन्हें कबंध नाम का एक राक्षस मिला वो वास्तव में एक गंधर्व था जो श्राप के कारण राक्षस बना था। जब भगवान राम ने उसे श्राप से मुक्त किया तब उन्होंने महाबली सुग्रीव से मित्रता करने को कहा और रावण के बारे में जानकारी दी। इसके बाद भगवान राम, एक तपस्वनी भक्त शबरी जो बहुत समय से भगवान राम की प्रतीक्षा कर रही थी  उनको दर्शन देने पहुंचे।  शबरी ने भगवान राम का  स्वागत किया और उन्हें बेर खिलाये। कहीं बेर खट्टे न निकले इसलिए उन्होंने एक एक बेर चख कर खिलाये, जिसे भगवान राम ने सहर्ष स्वीकारे परन्तु श्री लक्ष्मणजी ने उन बेरों को खाये नहीं बल्कि फेक दिए , क्योंकि वो झूठे थे। कहा जाता है की वही संजीवनी बूटी बनी।   उन्ही शबरी माता ने भगवान राम को महाबली सुग्रीव का पता बताया । 

उसके बाद  भगवान राम सुग्रीवजी, हनुमानजी से मिले  और हनुमानजी एवं वानरराज सुग्रीव और उनकी सेना का सहयोग लेकर लंकापति रावण से युद्ध किया और रावण का अंत कर देवी सीता को मुक्त करवाया। 

पौराणिक मान्यतानुसार भगवान राम ने नौ दिन तक माता शक्ति की उपासना की थी और उसके बाद उन्होंने रावण का वध किया था। ऐसा माना जाता है की जब भगवान श्री राम एवं रावण  के मध्य युद्ध हुआ उस समय माता शक्ति वहां उपस्थित थी।इसलिए आज भी दशहरा के दिन दशहरा स्थल पर  चारों और माँ शक्ति की झांकियाँ लाई जाती है। 

रावण का वध करने के लिए भगवान  राम ने मानव रूप में ही क्यों जन्म लिया। इसके पीछे भी एक कथा है। जब रावण ने ब्रह्माजी की तपस्या की और ब्रह्माजी ने प्रसन्न होकर रावण को वर मांगने के लिए कहा, तब रावण ने ब्रह्माजी से वर माँगा की उसे मानव और वानर को छोड़ कर कोई भी न मार सके। उसने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वो इतना शक्तिशाली था की  मानव और वानर उसके आगे कुछ थे ही नहीं। इसलिए रावण का अंत करने के लिए भगवान राम ने मनुष्य रूप में जन्म लिया और वानरराज सुग्रीव और उनकी सेना के सहयोग से रावण का अंत किया। 

दशहरा  कैसे मनाया जाता है/ Dussehra kaise manaya jata hai :-

दशहरा  का  उत्सव नवरात्रि से ही प्रारंभ हो जाता है। नवरात्रि के नौ  दिनों तक जगह जगह रामलीलाओं का आयोंजन किया जाता है। जिसमे भगवान श्री राम की बाल्यकाल से लेकर श्री राम रावण युद्ध तक के प्रसंग दिखाएँ जाते है। और दसवे दिन रावण दहन किया जाता है। दशहरा मैदान में रावण , मेघनाथ, और कुम्भकरण के पुतले  बनाये जाते है और एक एक कर तीनों पुतलों को जलाया जाता है। इस तरह हर साल रावण दहन कर बुराई का अंत कर दिया दिया जाता है। और आतिशबाजी कर खुशियाँ मनाई जाती है।

क्योकि यह पर्व आदिशक्ति का पर्व है इसलिए इस दिन अस्त्र शस्त्र की पूजा अवश्य की जाती है। एवं बड़ी संख्या में लोग नए  वाहन भी खरीदते है। इस दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत करना शुभ माना  जाता है क्योकि ये भगवान की विजय का दिन है। इसलिए ये मान्यता है की इस दिन जिस कार्य की भी शुरुआत की जाती है उसमे हमेशा विजय ही मिलती है। 


यह पर्व देश के हर कोने में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। जिनमे से कुछ प्रदेश के दशहरा  बहुत प्रसिद्ध है। 

भारत  के विभिन्न  प्रदेशों में मनाया जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण  दशहरा/ Bharat ke vibhin pradeshon me manaya jane vale kuch mahatavpurn dussehra :-

1) कुल्लू का दशहरा/kullu ka dussehra:- 

हीमाचल प्रदेश में कुल्लू का दशहरा बहुत प्रचलित है। यहां की परम्परानुसार इस दिन सभी स्त्री पुरुष सुन्दर वस्त्र धारण करते है और फिर अलग अलग वाद्य यंत्र जैसे ढोल नगाड़े, बिगुल, तुरही लेकर निकलते है और उनके सभी  देवताओं  मुख्य रूप से रघुनाथजी की पूजा करते है। सभी देवताओं को सुंदर सुंदर पालकियों में बैठा कर जुलूस निकालते है। नगर की परिक्रमा करते है और दशहरा उत्वस मानते है।

2) मैसूर का दशहरा/ maisur ka dussehra:- 

मैसूर का दशहरा भी बहुत ही प्रसिद्ध है। कर्नाटक के मैसूर में  दशहरें की एक अलग ही छंटा होती है। मैसूर में दशहरे पर हाथियों का श्रृंगार कर उन्हें सजाया जाता है और फिर  जुलूस निकाला जाता है। यह यहाँ का मुख्य आकर्षण का केंद्र होते है। इस उपलक्ष्य में मैसूर महल को रौशनी से दुल्हन की तरह सजाया जाता है। 

3) बस्तर का दशहरा/ Baster ka dussehra:-

बस्तर का दशहरा अलग तरह का दशहरा होता है। बस्तर में यह त्यौहार दन्तेश्वरी माता को समर्पित है। यहां दशहरा का त्यौहार 75 दिनों तक चलता  है जो की श्रावण मास की अमावस से आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तक चलता है। 
दन्तेश्वरी देवी यहां की अराध्या देवी है ये दुर्गा माँ का ही रूप है। इनसे ही अनुमति लेकर यह समारोह आयोजित होता है।

इस तरह दशहरा जो की दीवाली के ठीक 20 दिन पहले आता है। पूरे  देश में हर व्यक्ति के मन को उत्साह और उल्लास से भर देता है। और दीवाली की शुरूआत का बिगुल बजा देता है। क्योकि अब श्री राम , माता सीता और लक्ष्मणजी  सहित अयोध्या वापस लौटनेे वाले है।


दशहरे की शुभकामनायें

HAPPY DUSSEHRA




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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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